आवाज ही पहचान : स्वर कोकिला लताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि

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Gurugram : राजेंद्रापार्क में स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

अपनी मीठी आवाज से श्रोताओं को रिझाने वाली, मन को शांति व सुकून से भर देने वाली सूर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया

report4india/ new delhi/ gurgaon.

अपनी सुरीली आवाज से करीब सात दशक से देश व दुनिया को मिठास व सुकून भरी गीतों से सराबोर करने वाली वो आवाज आज थम गई। जैसे ही खबर आयी कि सूर कोकिला लता मंगेशकर नहीं रहीं, मानों वज्रपात हो गया। रविवार को देशभर के लोग टीवी से चिपक गये। सभी अपने-अपने तरीके से लताजी को श्रद्धांजलि देने लगे। कोई उन्हें उनके चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी तो कुछ उनके गाये गीतों को उलटने-पलटने लगे।

राजनीतिक, म्यूजिक व कला से जुड़े लोग ही नहीं, खेतों-कारखानों में काम करने वाले श्रमिक से लेकर स्कूल-कॉलेजों और ऑफिसों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पार्कों आदि में गुनगुनाते युवाओं तथा पर्व-त्यौहारों, पार्टी, शादी-व्याह व अन्य शुभ कार्यों के मौके पर लताजी के गाये गीतों के सुनते या गुनगुना बिना भला यह सब कहा पूरा होता है। लताजी भले आज हमारे बीच नहीं है परंतु, उपरोक्त सारे मौके जब हमारे बीच होंगे वे हमारे साथ ही होंगी।

गुरुग्राम के राजेंद्रपार्क में लताजी के फैन्स, बच्चों आदि ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी और नम आंखों से याद किया और उनके रिकॉर्ड बजाकर उन्हें याद किया। सरस्वती पूजा के कई पंडालों में भी लताजी के निधन की खबर के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। विद्या व स्वर की देवी मां सरस्वती की बहुत कृपा लताजी पर रही है।

गुरुग्राम में ब्राह्मण समाज के नवयुग ब्राह्मण महासंघ, राष्ट्रीय परशुराम परिषद्, ब्राह्मण विकास संगठन, ब्राह्मण शिरोमणि चाणक्य आदि संस्थाओं ने भी लताजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। दिल्ली सहित एनसीआर के अन्य शहरों में भी सामाजिक संगठनों, आरडब्ल्यू आदि संस्थाओं ने लताजी के निधन पर दुख जताया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि की।