
गाजियाबाद के इस कॉलेज में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपने साथी छात्रों के ‘जय श्रीराम’ के अभिवादन पर ‘जय श्रीराम भाई’ बोलने से बिफर गईं थीं कॉलेज के दो महिला प्रोफेसर, छात्र को सरेआम किया था प्रताड़ित और गेट आउट कह मंच से उतारा था
कॉलेज प्रबंधन ने जांच कमेटी की रिपोर्ट पर दोनों महिला प्रोफेसरों को निलंबित किया।
report4india/ Ghaziabad.
गाजियाबाद के एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों के अभिवादन स्वरुप जय श्रीराम बोलने पर धमकाने वाली दो महिला प्रोफेसरों को कॉलेज प्रबंधन ने सस्पेंड कर दिया है। ‘जय श्राीराम’ के अभिवादन पर मंचासीन एक छात्र को बेइज्जत करने और उसे धमकी देने के मामले को तूल पकड़ते देख कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया था और मामले में आतंरिक जांच कमेटी के गठन का ऐलान किया था। कॉलेज प्रशासन द्वारा कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर दोनों महिला प्रोफेसरों को सस्पेंड करने की घोषणा की गई। इस मामले में हिन्दू समाज के कई संगठनों ने भी विरोधस्वरुप आवाज उठायी थी और दोषी महिला प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। यह मामला 20 अक्टूबर का है और वीडियो वायरल होने पर संज्ञान में आया।
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, बवाल मच गया। उत्तर प्रदेश में कॉलेज द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में उसी कॉलेज के छात्रों द्वारा जय श्रीराम से सामूहिक तौर अभिवादन करने पर इस तरह के विरोध की कोई कल्पना नहीं कर सकता और वह भी महिला प्रोफेसरों द्वारा। मामले के तूल पकड़ते ही कॉलेज प्रशासन हरकत में आया। कॉलेज के निदेशक संजय कुमार सिंह ने कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर ममता गौतम और श्वेता शर्मा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, जांच कमेटी ने पाया कि दोनों प्रोफेसरों का व्यवहार बेतूका, आपत्तिजनक और गैरवाजिब है।
हालांकि, मामले को तूल पकड़ते देख प्रो. ममता गौतम ने स्वयं हिन्दू-सनातनी व ब्राह्मण बताया और कहा कि उन्हें जय श्रीराम बोलने से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने सारा दोष छात्र के सिर पर मढ़ दिया। लेकिन इस पूरे मामले में जब वीडियो सामने आया तो यह स्पष्ट हो गया कि दरअसल, ममता गौतम ने जय श्रीराम के आभिवादन पर ही आपत्ति जतायी और आगे स्वयं मंच पर आकर छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें हड़काया और ‘जय श्रीराम’ के अभिवादन को बेकार की बात की संज्ञा दी और छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से ऐसा किया तो कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होने देंगे।
गौरतलब है कि जेएनयू, दिल्ली विवि व अन्य शिक्षण संस्थाओं में बहुत से ऐसे प्रोफेसर जो ब्राह्मण हैं, जो वामपंथी विचारधारा से ओतप्रोत हैं और वे केवल हिन्दू धर्म पर ही आक्षेप करते हैं। प्रो. ममता गौतम ने भी अपने वीडियो में माफी मांगने की जगह लोगों का धमकाने का काम किया है। उन्होंने अपने जवाब में अपनी ‘जाति’ को सामने रखा और कहा कि कोई उन्हें कुछ कहेगा तो वह कानूनी कार्यवाही करेंगी। ऐसा संभव है कि, उन्होंने सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल से बात की हो। क्योंकि, कपिल सिब्बल वामपंथियों के चहेते अधिवक्ता हैं।
इस घटना के विरोध में सोशल मीडिया पर विचारों का बाढ़ आ गया है। ट्वीटर पर अविरल द्विवेदी लिखते हैं ‘जय श्री राम’ कहने पर छात्र को कॉलेज से निकाला, जय श्री राम में गलत क्या है?? वामपंथी उदारवादियों ने शिक्षा प्रणाली पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और इसका उपयोग हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए कर रहे हैं। कॉलेज को समझाना चाहिए…
ट्वीटर पर मयंक यादव @yadav_mayank521 लिखते हैं, ….खेद जताने की बजाय वह (ममता गौतम) अब लोगों को धमकी दे रही है। जाहिर तौर पर भीड़ ने जय श्री राम का नारा लगाया और मंच पर मौजूद छात्र ने भी उनका जवाब दिया। कितनी शर्म की बात है। कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. दूसरी शिक्षिका के बारे में क्या, उसका नाम “श्वेता” है, वह मुख्य रूप दोषी है।
Aunty provided her clarification, but why is she not being honest in her statement? The video evidently shows that the crowd initiated the 'Jai Shri Ram' chant.
She succumbed to public pressure and revealed her religion, caste, and eventually chanted 'Jai Shri Ram'—the very… https://t.co/3eHlWPI3T8 pic.twitter.com/zaBLGqJ1KV
— Wyni Pang (@Wyni16) October 20, 2023