“शाहरूख खान जिस मुसिबत में फंसे हैं, उससे पार पाना आसान नहीं। उनके बेटे आर्यन खान के ‘गंदे धंधे’ की आंच ‘किंग खान’ तक पहुंच रही है। शाहरूख समर्थक एनसीबी पर हमला बोल ‘जांच एजेंसी’ को प्रभाव में लेने की कोशिश उलटी पड़ती जा रही है। मामला ‘शीशे’ की तरह साफ होता जा रहा है।”
Manoj Kumar Tiwary/ New Delhi.
समाज में लोग अक्सर कहते हैं कि ‘काननू से डरो’ परंतु यह भी कहा जाता है कि ‘काननू को जेब़’ में लेकर चलने वालों का ‘क्लास’ अलग होता है। पुलिस, संस्था, कोर्ट सबकुछ उनके ईशारे पर चलता है। पहली बार यह मिथक केंद्र सरकार की संस्था एनसीबी तोड़ती नज़र आ रही है। हालांकि, जैसे-जैसे इस संस्था के हाथ बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की करतूतों का ‘कच्चा-चिट्ठा’ एकत्रित होता जा रहा है, आरोपितों के ईशारे पर एनसीबी पर साजिशन हमला भी बढ़ता जा रहा है।
बहरहाल, ड्रग्स केस में कड़ी पूछताछ और केस दर्ज होने के बाद आर्यन खान और उनके मित्र मंडली सलाखों के पीछे है। एनसीबी (NCB) लगातार कड़ी को जोड़ती जा रही है। ड्रग्स के इस आंच की तपिश शाहरूख खान का घर ‘मन्नत’ तक पहुंचती जा रही है। मामले को लेकर एनसीबी ने शाहरुख खान के ड्राइवर से 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई। बताया जा रहा है कि शाहरुख खान के ड्राइवर ने पूछताछ में जो खुलासा किया है वह बेहद महत्वपूर्ण है और आगे आर्यन खान का निकलना और मुश्किल हो सकता है।
जानकारी के अनुसार, शाहरुख खान के ड्राइवर ने पूछताछ में बाताया है कि आर्यन खान और उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट, प्रतीक गाबा और एक अन्य शख्स अपने घर मन्नत से एक साथ मर्सिडीज कार में निकले थे। डार्इवर ने ही उन्हें क्रूज टर्मिनल पर छोड़ा था। यह अपने आप में बड़ा खुलासा है। निश्चित तौर पर एनसीबी शाहरुख खान के ड्राइवर के बयान को सबूत के रूप में कोर्ट में पेश करेगी। यही नहीं, क्रूज में हुई ड्रग्स पार्टी को लेकर सभी के बीच बातचीत संबंधी सबूत भी एनसीबी के हाथ लगे हैं।
एनसीबी को लगता है कि आरोपितों को और उनके परिवार वालों को यह पता है कि वे सभी मामले में पूरी तरह से संलिप्त हैं और अपने को डिफेंड करने में फिलहाल असहाय है। इसलिए साजिशन इस मामले में एनसीबी को निशाना बनाने का षडयंत्र चलाया जा रहा है। शाहरूख खान के सपोर्टर जितता ज्यादा एनसीबी पर कीचड़ उछालेंगे, एनसीबी उतनी ही शिद्दत से सबूत अपने हाथ एकत्रित करेगी। इस तरह से आर्यन खान और शाहरूख खान की मुश्किलें बढ़ती ही जाएगी। एनसीबी के हाथ बॉलीवुड का कोना-कोना है।
पिछले एक साल से ज्यादा समय से एनसीबी मुंबई में ड्रग्स के खेल को बेनकाब कर रही है। उसके पास ड्रग्स माफियाओं, ड्रग्स पैंडलरों, ड्रग्स यूजरों की पूरी फेहरिस्त है। ऐसे में खुद के गिरेबान को देखने की जरूरत है, तभी समाज और सभ्य इरादा रखने वालों से किसी स्तर पर राहत मिल पाएगी। वह दौर कब का गया जब, सांसद, पत्रकार और ‘दो कौड़ी’ मिलकर केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्रियों के नाम फाइनल किया करते थे। याद रहे, यह ‘नरेंद्र मोदी युग’ है।