कोरोना के इस महा विपदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के बीच एकलय-एकजुटता दिखाने और घरों में कैद परिवारों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 5 अप्रैल को रात 9 बजे दीपक जलाने का आह्वान किया।
रिपोर्ट4इंडिया ब्यूरो/ नई दिल्ली।
कोरोना के महासंकट काल में जहां संपूर्ण विश्व इससे छुटकारे की कोशिश में लगा हुआ है। जहां तक भारत की स्थिति है, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश पिछले 10 दिनों से पूर्ण लॉकडाउन में है। सामुहिकता से संबंधी सारे क्रिया-कलाप बंद है। लोग अपने घरों में हैं। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकबार फिर लोगों की हौसला-आफजाइ के लिए सामने आए हैं।
उन्होंने देशवासियों का आह्वान किया है कि 5 अप्रैल रविवार को रात नौ बजे अपने-अपने घरों, छतों व बालकनियों में सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए दीप, मोमबत्ती, टॉर्च या फिर मोबाइल की लाइट जलाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता का संदेश दें।
इस संदेश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पंक्तियां-
भरी दो-पहरी में अँधियारा, सूरज परछाईं से हारा
अंतरत्म का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाक़ी सुलगाएँ
आओ फिर से दिया जलाएँ, हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल, वर्तमान के मोह जाल में आने वाला कल न भुलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएँ, आहूती बाक़ी यग्य अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा, अंतिम जय का वज्र बनाने नौ दधीची हड्डियाँ गलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएँ
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल, वर्तमान के मोह जाल में आने वाला कल न भुलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएँ, आहूती बाक़ी यग्य अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा, अंतिम जय का वज्र बनाने नौ दधीची हड्डियाँ गलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएँ।