लॉकडाउन को तोड़ सड़कों पर निकल रहे लोग। बकौल WHO, लॉकडाउन के साथ ही मरीजों को ढूंढ-ढूंढ कर निगरानी में रखना भी बेहद जरूरी
Report4India National Bureau (With agency input)/ New Delhi.
तमाम सावधानी व कोशिशों के बावजूद कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रही है। भारत में कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़कर 419 हो गई और सोमवार को मौत का आंकड़ा भी बढ़कर 8 हो गया। हालांकि, दिल्ली एनसीआऱ सहित देश के 80 जिलों व 10 राज्यों को लॉकडाउन किया गया है परंतु, लोगों ने बंद का जो ज़ज्बा रविवार को दिखाया वैसा सोमवार को नहीं रहा। सुबह से ही सड़कों पर लोग बढ़ी संख्या में अपनी कारों व बाइकों पर सड़क पर निकले।

नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर एक से दूसरे क्षेत्र में जाने की होड़ देखी गई। नोएडा पुलिस ने कार में सवार लोगों को दिल्ली जाने व दिल्ली की तरफ से आने से रोकना शुरू किया, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने साफतौर पर लोगों से अफील की कि वे जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों के अतिरिक्त अन्य किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है।
उधर, समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपने नए आदेश में साफ किया है कि लॉकडाउन के साथ ही दुनिया को कोरोना पीड़ित मरीजों को ढूंढ कर उन्हें आइसोलेट करना और इलाज देना भी जरूरी है। अन्यथा केवल लॉकडाउन से हालात सुधरने की उम्मीद लगाना भारी पड़ सकता है।
कहा गया कि चीन, सिंगापुर और साउथ कोरिया ने लॉकडाउन के साथ ही उस हर व्यक्ति की जांच की गई, जिसपर कोरोना का खतरा था। अब यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों को भी यही मॉडल लागू करना चाहिए। अगर एक बार इसे फैलने से रोक दिया जाए तो बीमारी से निपटा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि दुनिया में अबतक कोरोना वायरस के तीन लाख 20 हजार से ज्यादा मामले सामने सामने आ चुके हैं जबकि करीब 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।