सेक्यूलर शब्द के कांग्रेसी ‘आशय’ से सीएम उद्धव ठाकरे का ‘सामना’

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तीनों पार्टियों के प्रेस कांफ्रेंस में शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे के सेक्यूलर शब्द में धर्म की बात नहीं कहने पर एनसीपी के नवाब मलिक ने टोका और समझाया, सेक्यूलर मतलब हिन्दू-हिन्दू है, मुसलमान मुसलमान। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) के पांच वाक्य के प्रस्तावना में सेक्यूलर शब्द दो बार आया। 

सेक्यूलर शब्द पर सीएम उद्धव ठाकरे को पत्रकारों ने सामना कराया, जवाब नहीं दे पाए       

रिपोर्ट4इंडिया ब्यूरो/ नई दिल्ली

महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में सरकार गठन से पहले सरकार चलाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) की घोषणा की गई। इस दौरान शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, एनसीपी के नवाब मलिक और कांग्रेस के नेता शामिल हुए। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सेक्यूलर शब्द की काफी चर्चा रही क्योंकि, सीएमपी के प्रस्तावना में आंठवां शब्द ही सेक्यूलर रहा। हालांकि पांच वाक्य के इस प्रस्तावना में दो बार सेक्यूलर शब्द का जिक्र किया गया है।

आखिरकार, सीएमपी में सेक्यूलर शब्द की इतनी अहमियत क्यों रखी गई है। साफतौर पर यह शब्द शिवसेना को संदेश है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस शब्द से ज्यादा प्यार है और इसी शब्द के बल पर कांग्रेस तुष्टिकरण करती है और कांग्रेस इसी शब्द के माध्यम से वामपंथियों को पोषित करती है। इसी शब्द के वशीभूत राहुल गांधी जेएनयू में टूकड़े-टूकड़े गैंग के समर्थन में पहुंचकर उनका समर्थन करते हैं।

सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे की पहली कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों ने सेक्यूलर शब्द का जिक्र किया और कहा कि इस शब्द को सीएमपी में रके जाने का क्या अर्थ है? इसपर वे पहले भड़कते नज़र आए और उल्टे पत्रकार से ही पूछ दिया कि सेक्यूलर का मतलब तुम बताओ। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने संविधान का हवाला दिया। साफ है कि सेक्यूलर शब्द का कांग्रेसी आशय सीएम बने उद्धव ठाकरे को कुर्सी की महत्ता की याद दिलाती रहेगी।

महाराष्ट्र विकास अघाड़ी- कॉमन मिनिमम प्रोग्राम 

किसानों के लिए
1- बाढ़ और बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को हुई परेशानी को तत्काल दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
2- किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।
3- फसल बीमा योजना में बदलाव कर नुकसान झेल चुके किसानों को तुरंत मदद मुहैया कराई जाएगी।
4- किसानों को फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे।
5- सूखा ग्रस्त इलाकों में पानी की सप्लाई को सुचारू ढंग से चलाने के लिए वॉटर सप्लाई सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा।

बेरोजगारी
1- राज्य सरकार में खाली पड़े पदों को तुरंत भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
2- पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं के लिए एक फेलोशिप का ऐलान किया जाएगा।
3- नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 80 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी।

महिला
1- महिलाओं की सुरक्षा इस सरकार की सबसे पहली प्राथमिकताओं में से एक है।
2- आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बच्चियों की शिक्षा मुफ्त की जाएगी।
3- शहरों और जिला मुख्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।
4- आंगनबाड़ी सेविका और आशा वर्कर्स का मानदेय बढ़ाया जाएगा और सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाएगी।
5- महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए महिला की मदद करने वाले समूहों को और मजबूत किया जाएगा।

शिक्षा
1- राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
2- मजदूर वर्ग के बच्चों और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार के छात्रों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऐजुकेशन लोन दिया जाएगा।

शहरी विकास
1- शहरी इलाकों में सड़कों को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के आधार पर एक योजना लाई जाएगी। नगर पंचायत, म्युनिसिपल काउंसिल और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में सड़कों को दुरूस्त करने के लिए अलग फंड की व्यवस्था की जाएगी।
2- स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम के तहत मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में 500 स्क्वॉयर फीट कारपेट एरिया मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा, जो अब तक 300 स्क्वॉयर फीट था।

स्वास्थ्य
1- सभी नागरिकों को अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए एक रुपये वाले क्लीनिक लॉन्च किए जाएंगे। यह क्लीनिक तालुका स्तर पर बनाए जाएंगे।
2- सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से सुपर स्पैशिलिटी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे।
3- राज्य के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर उपलब्ध कराया जाएगा।

उद्योग
1- राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे और अनुमति प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।
2 –आईटी सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत स्तर पर पर्याप्त बदलाव किए जाएंगे।