कोरोना संकट काल को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी विपक्ष ने लिखित में मांगा। प्रवासी श्रमिकों की मौत पर सरकार ने लिखित में जवाब दिया, सटीक जानकारी या डाटा उपलब्ध नहीं।
Report4india Bureau/ New Delhi.
मानसून सत्र के पहला दिन की आज सोमवार को विपक्ष ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन को लेकर लिखित में सवाल किया। सवाल में सरकार से जानकारी मांगी गई कि देश में लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि इसकी कोई सटीक जानकारी या डाटा उपलब्ध नहीं है।
दरअसल, विपक्ष के कुछ सांसदों ने लॉकडाउन के दौरान हुई प्रवासी मजदूरों की मौत के आंकड़े को लेकर सवाल किया था, जिसपर सरकार ने कहा कि उनके पास ऐसा डाटा नहीं है। संसद में सवाल किए गए कि क्या सरकार प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को पहचानने में गलती कर गई, क्या सरकार के पास ऐसा आंकड़ा है कि लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की मौत हुई है। क्योंकि, हजारों मजदूरों के मरने की बात सामने आई है। इसके अलावा सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में राशन दिया है, अगर हां तो उसकी जानकारी दें।

केंद्र सरकार की तरफ से मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लिखित जवाब दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत ने एक देश के रूप में केंद्र-राज्य सरकार, लोकल बॉडी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई डाटा नहीं है।
राशन के मसले पर मंत्रालय की ओर से राज्यवार आंकड़ा उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई। हालांकि, सरकार ने बताया कि नवंबर 2020 तक 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अतिरिक्त चावल या गेहूं, एक किलो दाल दी जा सकेगी। लॉकडाउन में गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत पैकेज, EPF स्कीम जैसे लिए गए फैसलों की जानकारी भी दी गई।