सीबीआई दफ्तर में ममता बनर्जी की मौजूदगी में उनकी पार्टी के गुंडे सेंट्रल पैरा फोर्स पर पथराव कर रहे हैं। राज्यपाल का ट्वीट- बंगाल में हालात भयावह।
Report4india bureau/ New Delhi.
16 अप्रैल, 2017 को कोलकाता हाई कोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक यह सीबीआई ने केस दर्ज किया था और उसके तहत ही यह कार्रवाई की गई है। सीबीआई के नारदा केस में तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद बंगाल में हंगामा व भय का वातावरण पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी स्वयं अराजकता का केंद्र बन गईं हैं। सीबीआई ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनके बचाव में ममता बनर्जी सीबीआई ऑफिस पहुंच गईं और वहीं कई घंटों से बैठी हुईं हैं।
उधर, ममता बनर्जी के इस उकसावे वाली बर्ताव पर टीएमसी के गुंडे सीबीआई दफ्तर के बाहर पत्थरबाजी कर रहे हैं। कोलकाता पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। केंद्रीय पैरा फोर्स के कई जवान पत्थर लगने से घायल हो गये हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना को लेकर लॉकडाउन लागू है और स्वयं मुख्यमंत्री नियमों को तोड़ रही हैं।
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इस पूरे मामले पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सरकार को चेताया है और कहा है कि बंगाल में कानून व शासन का कोई मतलब नहीं दिख रहा है। इस तरह के हालात राज्य सरकार के लिए किसी भी तरीके से ठीक नहीं होगा। मुख्यमंत्री वस्तुस्थिति समझे और कानून व प्रक्रिया के पालन में रोड़ा न बनें।
टीएमसी के नेताओं की गिरफ्तारी पर सीबीआई के मुख्य सूचना अधिकारी आरसी जोशी ने बताया है कि, नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के चार तत्कालीन मंत्रियों (फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी) को गिरफ़्तार किया गया है। 16 अप्रैल, 2017 को कोलकाता हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक सीबीआई ने केस दर्ज किया था और उसके तहत ही यह कार्रवाई की गई है।