प्रधानमंत्री मोदी का संयुक्त राष्ट्र जनरल असंबेली में संबोधन
report4india/ New Delhi.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय समयानुसार साढ़े छह बजे संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन व पाकिस्तान का बिना नाम लिये दुनिया को उनकी तरफ से परोसी जा समस्याओं का व्यापक जिक्र किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रसांगिकता को भी इंगित किया और इशारों ही इशारों में कहा कि भारत जैसे जिम्मेदार देश को उसकी क्षमता के मुताबिक अधिकार नहीं दिया गया तो यह वैश्विक संस्था स्वयं अपनी प्रसांगिकता खो देगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने वैश्विक आंतकवाद, चरमपंथ, विस्तारवाद, समुद्री यातायात की स्वतंत्रता, पर्यावरण के मुद्दे, विश्व शांति, अफगानिस्तान में स्थिरता व शांति, कोरोना संकट आदि विषय को उठाया।
विश्व मंच पर प्रधानमंत्री ने भारत के लोकतंत्र का गुणगान किया और कहा कि यह भारत की ताकत है कि एक बच्चा जो अपने पिता के चाय की दुकान में उनका हाथ बंटाता था वह लड़का गुजरात का सबसे लंबे समय तक सीएम और बीते सात साल से पीएम के रूप में देश व दुनिया की सेवा को तत्पर है। यह न केवल भारत का सामर्थ्य है बल्कि भारत की ताकत भी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र से ही दुनिया की समस्याओं को हल है।
पीएम मोदी ने इस मंच से अफगानिस्तान की समस्याओं को उठाया और कहा कि वहां की परिस्थितियां बेहद खराब है। वहीं महिलाओं, बच्चों व अल्पसंख्यकों (हिन्कोदू-सिखों) मदद की सख्त जरुरत है। दुनिया इस मुद्दे को समझे।
इस मंच पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र से ही सही मायने में दुनिया सकारात्मक रूप से आगे बढ़ सकेगी।