गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 123 सदस्य राष्ट्रों की वर्चुअल समिट में कोरोना महामारी पर हुई चर्चा। पीएम मोदी ने कहा, भारत अपनी जरूरतों के बावजूद गुट निरपेक्ष देशों को जरूरी मेडिकल सामान व दवाएं भेज रहा है।
गुट निरपेक्ष आंदोलन को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासर और युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रॉज टीटो ने अप्रैल1961 में शुरू किया था।
रिपोर्ट4इंडिया ब्यूरो/ नई दिल्ली।
कोरोना महाविपदा के इस महासंकट में भारत अपनी जिम्वैमेदारी को बखूबी निभाने में आगे दिख रहा है। इस महामारी के दृष्टिगत गुट निरपेक्ष देशों के इस वर्चुअल समिट को प्रधानमंत्री ने संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान महामारी से निपटने के लिए वैश्विक तौर अपनी भूमिका को इस आंदोलन के नेताओं के सामने रखा। इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा कि इस महामारी में जहां भारत जरूरतमंद देशों को दवा आदि मुहैया करा रहा है जबकि वह इस समय भी आतंक व फेक न्यूज़ का वायरस फैलाने में लगा हुआ है। यह पहला अवसर है जब प्रधानमंत्री मोदी ने गुट-निरपेक्ष देशों (NAM) की समिट को संबोधित किया है।
#WATCH "Even as the world fights #COVID19, some people are busy spreading some other deadly viruses such as terrorism, fake news and doctored videos to divide communities and countries," PM Narendra Modi while addressing Non-Aligned Movement Summit through video conferencing pic.twitter.com/BE85S4qhd9
— ANI (@ANI) May 4, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी जरूरतों के बावजूद कोरोना पीड़ित देशों को दवाएं भेजा है। साथ ही, गुट-निरपेक्ष के 53 सदस्य देशों को भी दवाएं भेजी गईं। उन्होंने कहा कि इस महामारी से निपटने को भारत सभी सदस्य देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का प्रयास करेगा। हमारी कोशिश है कि हम अपने साथ ही दुनिया को भी इस संकट से उबारने में जो बन सके करें।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महासंकट काल में सार्क, जी-20 के बाद अब गुट निरपेक्ष देशों का यह डिजिटल समिट अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव की कोशिशों के बाद आयोजित किया गया है। सयुक्त राष्ट्र के बाद गुट निरपेक्ष देशों का सबसे बड़ा समूह है, जिसमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 120 देश शामिल हैं। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण को लेकर कई राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात भी की है।