रोहित सरदाना मौत की जांच को लेकर सोशल मीडिया पर #JusticeForRohitSardana
रिपोर्ट4इंडिया ब्यूरो / नई दिल्ली
जाने माने युवा राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना की मौत को लेकर मीडिया और राजनीतिक जगत में सन्नाटा मचा है। उधर, कट्टरपंथी मुसलमानों, वामपंथियों और वामपंथ समर्थित कांग्रेसियों में सरदाना की मौत पर खुशी प्रकट की जा रही है। अचानक रोहित सरदाना की मौत उनके समर्थकों व चाहने वालों को पच नहीं रहा है। सरदाना के इलाज में लापरवाही को लेकर कई तरह खबरें सामने आ रही हैं।
तेज-तर्रार पत्रकार रोहित सरदाना की राजनीतिक समझ और बहस की काबिलियत के बल पर 42 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने एक मुकाम हासिल किया और उनकी बहसों में विरोधी पार पाने में असमर्थ पाते थे। उनके निधन पर सोशल मीडिया में शनिवार को ट्विटर पर #JusticeForRohitSardana ट्रेंड, कर रहा है। इस हैशटैग पर उनके फैन्स मौत की जांच की मांग कर रहे हैं।
सभी का कहना है कि रोहित सरदाना काफी फिट इंसान थे, उनका अचानक दुनिया छोड़ना संशय पैदा करता है। ऐसे में उनकी मौत की जांच होनी चाहिए। उपचार को लेकर हर स्थिति-परिस्थिति को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है। कहा जा रहा है उनके इलाज में बहुत कुछ झोल है। एक ट्वीटर ने लिखा है कि, ट्रीटमेंट, दवाई, इंजेक्शन की जानकारी सार्वजनिक होनी ही चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के वकील व उनके करीबी प्रशांत पटेल ने लिखा है कि, “रोहित सरदाना को डॉ. तलवार के अंडर में इलाज में रखा गया था लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे। रोहित की पत्नी सुबह तक डॉ. पुरुषोत्तम लाल को फोन करती रहीं पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। स्टेराइड मॉनिटरिंग में देना था लंग इन्फैक्शन के लिए परन्तु मॉनिटरिंग ही नहीं की किसी डॉक्टर नें।”
भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लिखा है कि, रोहित सरदाना को वो इंजेक्शन लगाया गया जो उन को सूट नहीं करता था। इलाज के वक़्त कोई सीनियर डॉक्टर नहीं था। यह लापरवाही है या कुछ और इसकी जांच होनी चाहिए। रोहित सरदाना की मौत के बाद शनिवार को उनकी पत्नी प्रमिला दीक्षित ने एक ट्वीट कर लोगों की संवेदनाओं के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने लिखा-
“जीवन अप्रत्याशित है.. आप सबकी ओर से मिली सांत्वना और संबल भी अप्रत्याशित है.. कष्ट जीवन भर का है लेकिन कोशिश रहेगीरोहित सरदाना की तरह मजबूत रहूं, प्रेम की सार्थकता प्रेम बने रहने में ही है नश्वर शरीर के जाने के बाद भी .. आप सभी का आभार।”