Sikkim : ‘कश्मीरी केसर’ की खेती को उपयुक्त जलवायु …असीम संभावनाएं

0
497
सिक्किम के राजधानी गंगटोक में राजभवन में कश्मीरी कृषि विशेषज्ञों को संबोधित करते राज्यपाल गंगा प्रसाद। मौके पर सीएम प्रेम सिंह तमांग व अन्य।

केसर और ऑर्गेनिक फसलों की खेती के विस्तार को लेकर बनी अहम रणनीति, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कश्मीर के अनुभव को राज्य से जोड़ने की क्रियाशीलता को बताया अहम

केसर की खेती संबंधी आयोजित सेमिनार में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग बोले, जल्द अनुसंधान को लेकर विशेषज्ञों का दल जाएगा कश्मीर  

report4india bureau/ Gangtok.

‘सिक्किम में केसर की खेती’ विषय पर यहां राजभवन में राज्यपाल गंगा प्रसाद के निर्देशन में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में राज्य में केसर की खेती संबंधी योजनाओं को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। इस मौके पर कश्मीर केसर उत्पादन के निदेशक डॉ. इकबाल के नेतृत्व में आये विशेषज्ञों के दल ने सिक्किम के वातावरण को कश्मीरी केसर के उत्पादन के लिए उपयुक्त बताया। इस दौरान सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, कृषि मंत्री लोकनाथ, सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अविनाश खरे ,विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, कृषि एवं बागवानी विभाग के सचिव, कृषि विज्ञानी, राज्य के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

केसर की फसल को एकत्रित करती कश्मीरी युवती।

इस दौरान डॉ. इक़बाल ने कश्मीर में केसर की खेती पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दी और सिक्किम की जलवायु को केसर खेती के लिए उपयुक्त बताया। उन्होंने कहा, भविष्य में इस क्षेत्र में सिक्किम और कश्मीर के बीच समन्वय से न केवल केसर बल्कि अन्य जैविक फ़सलों की उपज की भी व्यापक संभावना हैं। इस मौके पर उन्होंने सिक्किम के वन संरक्षण की भी प्रशंसा की ।

मौके पर, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने डॉ. इक़बाल और उनकी टीम को बधाई प्रेषित की और कहा कि उनकी अगुवाई में राज्य में केसर खेती को कैसे बढ़े, इसे मूर्त रूप देने के लिए काम किया जाएगा। इस विषय में डॉ. इकबाल की  प्रस्तुतिकरण की सराहना कर कहा कि उनकी मदद से भविष्य में सिक्किम को इस क्षेत्र में और आगे ले जाने के लिए आने वाले दिनों में कश्मीर में एक अनुसंधान टीम भेजी जाएगी।

इस दौरान, राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा, पूरे नार्थ-ईस्ट में सिक्किम की भूमि एवं वातावरण केसर खेती के लिए उपयुक्त है। यदि कृषि के क्षेत्र में और अधिक ध्यान दिया जाए तो युवाओं के लिए यह क्षेत्र न केवल रोज़गार का साधन उपलब्ध करायेगा बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की योजना ‘किसान की दोगुनी आय’ को भी जमीन पर उतारने में मददगार होगा। इससे हमारा राज्य और देश एक उन्नत राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आएगा।