2004 में कांग्रेस के केंद्र में सत्ता में आने के बाद गुजरात दंगों के बहाने तत्कालीन गुजरात की मोदी सरकार को अस्थिर करने का सोनिया गांधी का षडयंत्र, गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी ने सीधे सोनिया गांधी पर लगाया आरोप।
report4india bureau/New Delhi.
गुजरात सरकार खासकर मोदी सरकार को बदनाम करने उन्हें दंगों के मामले में फंसाकर सत्ता से गिराने को लेकर तीस्ता सीतलवाड़ एंड गैंग द्वारा रचे गये षडयंत्र के खुलासे को लेकर बीजेपी ने सीधे सोनिया गांधी को कटघरे में खड़ा किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को पहले 30 लाख रुपए और बाद में करोड़ों रुपये सोनिया गांधी के ईशारे पर अहमद पटेल ने तीस्ता सीतलवाड़ को दिया। बीजेपी ने इस मामले में सीधे-सीधे सोनिया गांधी का षड़यंत्र था, अहमद पटेल तो केवल कार्य को लीगू करने वाले एक औजार की तरह थे। संबित पात्रा ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी ने इस षडयंत्र को जमीन पर उतारने के लिए काम करने वाली तीस्ता सीतलवाड़ को इसका इनाम भी दिया और करोड़ों रुपये के अलावा पद्म पुरस्कार से भी नवाजा। बीजेपी ने कहा, इस पूरे षडयंत्र की रचयिता सोनिया गांधी हैं।
संबित पात्रा इस मामले में तीस्ता सीतलवाड़ के इकरारनामे और गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को लेकर पार्टी के विचार को देश की जनता के सामने ऱख रहे थे।
संबित पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी 2004 में जैसे ही केंद्र की सरकार में आईं, मोदी सरकार को हटाने, अस्थिर करने और अंततोगत्वा उसे गिराने के षडयंत्र में शामिल हो गईं थी। इसके लिए सोनिया ने अपने पूरे ईको सिस्टम (टूल किट) को काम पर लगाया। तीस्ता सीतलवाड़ उस टूल किट सामने आकर लीड कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुजरात कांग्रेस को भी एक्टिव किया गया। अहमद पटेल ने सोनिया गांधी के आदेश पर पहले 30 लाख रुपये तीस्ता सीतलवाड़ को दिये। उन्होंने कहा, इस काम के लिए सोनिया गांधी ने करोड़ों रुपये तीस्ता सीतलवाड़ और अपने ईको सिस्टम पर खर्च किये। उन्होने कहा, कि इस पूरे मामले में कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश नहीं बल्कि स्वयं सोनिया गांधी जनता के सामने आये और षडयंत्र पर मुंह खोलें।