सुप्रीम कोर्ट का एक और महत्वपूर्ण फैसले का इंतजार

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का दफ्तर आरटीआई के दायरे में रखे जाने का आने को लेकर चाहिए या नहीं इस मुद्दे पर बुधवार को फैसला आ सकता है।

रिपोर्ट4इंडिया ब्यूरो।

नई दिल्ली। राम मंदिर केस के बाद बुधवार को एक और महत्वपूर्ण फैसला सुप्रीम कोर्ट में आने वाला है। मामला है चीफ जस्टिस का दफ्तर आरटीआई के दायरे में आना चाहिए या नहीं। संवैधानिक बेंच ने अप्रैल में मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। रिटायर से पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस मामले में फैसला सुनाएंगे।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब इस मुद्दे पर खुद सीआईसी ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का दफ्तर आरटीआई के दायरे में आता है। लेकिन सीआईसी और हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने 2010 में चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी हुई है जिसमें सीआईसी के आदेश को सही ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे कर दिया था और मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर कर दिया था। इस मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिका की हुई है। उनका कहना है कि ऐसा होने से कॉलेजियम सिस्टम आदि को लेकर फैलने वाले भ्रम खत्म हो जाएंगे और तस्वीर साफ हो सकेगी।