झारखंड के चतरा में बीते 29 नवम्बर को चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह के बयान मीडिया में सुर्खियों में थी। कुछ मीडिया ने इसे इस तरह प्रस्तुत किया जिससे लगे कि चुनाव में बीजेपी कमजोर हो रही है।
रिपोर्ट4इंडिया ब्यूरो।
नई दिल्ली। झारखंड में पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण का प्रचार अंतिम दौर में है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। परंतु, बीते गुरुवार 29 नवंबर को अमित शाह की झारखंड के चतरा में एक रैली को संबोधित किया था और उससे जुड़ी खबर जो मीडिया में प्रसारित हुई वह कुछ अलग ही कहानी बयान कर रही थी। हालांकि, जब उस सभा में अमित शाह के संबोधन के वीडियो सामने आए तो वह अलग ही हकीकत बयान कर रही थी।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि, रैली में अपने संबोधन में अमित शाह ने भीड़ कम होने पर थोड़ा मायूस हुए और उन्होंने कहा कि इतनी सी भीड़ से हम नहीं जीत सकते हैं। हालांकि, झारखंड में भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है और विपक्षी पार्टियों इससे परेशान हैं। इसलिए अमित शाह के बयान को गलत तरीके से प्रसारित करवाया गया ताकि राज्य की जनता को लगे कि भाजपा कमजोर हो रही है। परंतु, सच्चाई यह थी कि सभा में जो भीड़ थी वह स्थानीय चुनाव के मद्देनज़र ठीक थी और अमित शाह के कथन दरअसल, उनका जनता के संबोधन का अपना अंदाज था और ऐसे संबोधन वे पहले भी कई बार कर चुके हैं।
अमित शाह ने इस सभा में कहा था कि सिर्फ इस जनसभा में 20000-25000 लोगों के आने भर से जीत नहीं होगी। सभा समाप्त होने के 2 घंटे के भीतर यहां आये सभी लोग अपने भैया-भाभी, बुआ-फूफा, चाचा-चाची, मामा-मामी जैसे 50 करीबियों को फोन करके कमल के फूल पर वोट करने को बोलें और मोदी जी के हाथ मजबूत करें।
लेकिन इससे संबंधित जो खबरें चलीं उसके मुताबिक, अमित शाह कम भीड़ देखकर भाजपा के कार्यकर्ताओं से नाराज हो गए थे और उन्होंने सख्त लहजे में पूछा था कि, क्या इतनी सी भीड़ से आप विधायक बन जाओगे।