कांग्रेस को अब …लालू की ‘पटखनी’

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पटना में मीडिया से मुखातिब लालू प्रसाद यादव।

करीब साढ़े तीन साल बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की टेटुआ दबा दी। सवाल किया,  कांग्रेस से गठबंधन का मतलब क्या होता है? …यानी, जमानत जब्त।

मनोज कुमार तिवारी/ रिपोर्ट4इंडिया।

समय होत बलवान….। बिहार जैसे राज्य में अपना सबकुछ लूटाकर राज्य  की जनता के ‘विकास व शांति’ को लालू यादव के चरणों में गिरवी रखने वाली कांग्रेस को झन्नाटेदार ‘तमाचा’ लगा है। यह ‘तमाचा’ लालू यादव ने स्वयं मारा है। बिहार के लोग आज भी मानते हैं कि लालू राज में लंबे समय तक नारकीय जीवन (जंगल राज) जीने को मजबूर करने में बड़ा योगदान कांग्रेस का है। राजद अंतिम 10 साल तक कांग्रेस के समर्थन से ही बिहार की सत्ता पर काबिज़ रही।

करीब 41 माह बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने बिहार में उपचुनाव पर सीटों का तालमेल नहीं बैठ पाने और कांग्रेस-राजद के अलग-अलग चुनाव लड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। लंबे समय समय बाद लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और एक प्रकार से बिहार में राजद के सामने कांग्रेस की राजनीतिक हैसियत को ही खारिज कर दिया।

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मीडिया से बातचीत में लालू प्रसाद ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि कांग्रेस का मतलब क्या है…हार है..जमानत जब्ती है। उन्होंने कहा कि राजद का चुनाव लड़ना ही राजनीतिक तौर पर सही फैसला है। कांग्रेस का चुनाव में उतरना मतलब जमानत जब्त कराना है। इस तरह के गठबंधन का कोई मतलब नहीं है।

इस दौरान, लालू प्रसाद के घर में मचे घमासान पर कहा कि पार्टी को लेकर तेजप्रताप व तेजस्वी के बीच कोई झगड़ा नहीं है। उन्होंने सभी आरोपों का खारिज कर दिया।