थरूर ने फिर ‘गांधी परिवार’ के ‘अरमानों’ को निचोड़ा, …मोदी की तारीफ के कसीदे

0
746
पीएम नरेंद्र मोदी-कांग्रेस नेता शशि थरूर (फाइल फोटो)

“2002 के दंगों के बाद मोदी की छवि धूमिल हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को पटेल की तरह ही कठोर और निर्णायक कार्रवाई करने वाले नेता के तौर पर पेश किया।”

मनोज कुमार तिवारी@ रिपोर्ट4इंडिया।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एकबार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व की प्रशंसा की है। शशि थरूर ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी भी ठीक वैसे ही है जैसा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल एक राष्ट्रीय अपील व गुजरातियों के लिए आदर्श थे। साथ ही, शशि थरूर ने कहा कि मोदी एक चतुर राजनेता है जिन्होंने बाकी गुजरातियों खासकर महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल से एलग खुद की चमक बिखेरी है। यह सबकुछ थरूर ने अपनी पुस्तक ‘Pride, Prejudice and Punditry : The Essential Shashi Tharoor’ में लिखा है।

थरूर ने लिखा है कि मोदी ने इसकी शुरुआत 2014 में उसी वक्त शुरू कर दी थी, जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने सरदार पटेल की विरासत पर आक्रामक दावा किया। मोदी ने पार्टी लाइन से अलग जाते हुए 600 फुट ऊंची सरदार पटेल की मूर्ति के लिए देशभर के किसानों से लोहा दान देने की अपील की थी। थरुर ने लिखा है कि 2002 के दंगों के बाद मोदी की छवि धूमिल हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को पटेल की तरह ही कठोर और निर्णायक कार्रवाई करने वाले नेता के तौर पर पेश किया।

आगे वे लिखते हैं कि पटेल एक राष्ट्रीय अपील और गुजराती मूल के व्यक्ति दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो मोदी के अनुकूल है और गुजरातियों में पटेल के बाद मोदी जैसा संदेश भी गूंजता है। आगे वे लिखते हैं कि ये विंडबना है कि मोदी जैसे स्वघोषित हिंदू राष्ट्रवादी खुद को गांधीवादी नेता का दावा भी करते हैं जिन्होंने कभी अपने को भारतीय राष्ट्रवाद को धार्मिक लेवल के साथ नहीं दिखाया। सरदार पटेल धर्म और जाति से हटकर सभी के लिए समान अधिकारों में विश्वास रखते थे।