VARANASI : काशी विश्वनाथ कॉरिडोर : बाबा …’प्रसन्न’ होंगे !

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हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे...

‘काशी विश्वनाथ कॉरिडोर’ …वास्तव में बिना आंदोलन चलाए और बिना हो-हल्ला मचाये ‘बाबा’ को बेहद सकून देने वाला है।

Dr. Manoj Kumar Tiwary @report4india/ New Delhi.

लोकसभा 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान मैं रिपोर्टिंग के लिए करीब एक सप्ताह बनारस में था। इस दौरान भाजपा के पीएम कैडिडेट नरेंद्र मोदी के लंका बीएचयू गेट से निकलने वाली रोड शो को भी कवर किया और आप नेता अरविंद केजरीवाल के रोड शो और रात करीब 10 बजे तक चली मैदागिन टाउन हॉल सभा का भी। वैसे तो भीड़भाड़, रेलम-ठेल बनारस का शाश्वत स्वभाव है। उस दौरान चारो ओर गजब़ का उत्साह दिखता था। बनारस के लोगों के लिये और खासकर सड़क किनारे दुकानदारों को अद्भुत व अंदर से उत्साहित कर देता था, जब वे 407 और टाटा-हाथी वाले वाहनों पर आप की टोपी लगाये लड़कियों को केजरीवाल के पक्ष में नारेबाजी व चुनाव प्रचार करते हुए एकटक देखते थे। कहते थे …रज़ा लगत हौं …ई …कसिये दिल्ली बन गयले हौ। पूछने पर पक्के ईरादे से बोलते थे, …मोदी के अलावा इहां और कोई हौ ना..देख बदे त सभै सुंदर हौ।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बने मेहराब का दृश्य

और बनारस ने आर्शीवाद दिया नरेंद्र मोदी पीएम बन गये। …अब भारत की सांस्कृतिक राजधानी और पूर्वांचल के दुख-सुख का नगर बनारस को सुंदर बनाने की जिम्मेदारी आन पड़ी थी। अस्सी गंगा घाट पर दशकों पड़े मिट्टी हटाने के लिये जो फावड़े चले वह रूके नहीं। काशी को क्वेटो बनाने में हो रही देरी को लेकर कई लोगों का सब्र टूटने लगा था। राज्य में अखिलेश यादव की सरकार पर भारी दबाव था। दिल्ली से अधिकारी सड़क व अन्य प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण व विभिन्न विभागों से एनओसी मिलने में हो रही देरी को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों पर दबाव बनाते थे। चुकि प्रधानमंत्री के क्षेत्र का और पीएम के संदेश का मामला था। दबाव दोनों तरफ से भारी था। …तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी कई बार इस मुद्दे को लेकर सफाई देनी पड़ी थी।

वाराणसी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर सिंहद्वार

2017 में प्रचंड बहुमत से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में विराजमान हुये। …फिर क्या था। क्वेटा बनाने की राह आसान होने लगी। लोग भूलने लगे कि सीएम का घर गोरखपुर है या बनारस है। फिर नौकरशाही अपने जोश में आयी। बनारस के चारों तरफ सड़कें, ओवरब्रिज, विश्व सुदंरी पुल का जिर्णोद्धार, डीजल रेल कारखाने को जीवंत और आधुनिक जरूरतों के मुताबिक बनाने के लिये पैसे व संसाधन देना, सामनेघाट-रामनगर पुल को पूरा करने तथा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने का पुनित निर्णय। अनगिनत कार्य…  मानो …सबकुछ को पंख लग गये।

भगवान भोले के प्रिय दिन अगले सोमवार को बाबा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का पवित्र दिन। इसे लेकर बनारस में अभी भीड़भाड़ बढ़ गई है। सीएम योगी तो अस्थायी मुख्यमंत्री ऑफिस बनारस बनारस में आसन लगाये हुए हैं। दिल्लीकी मीडिया बनारस में विराजमान होने लगी है। आजकल तो बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर बनारस का हॉट-स्पॉट बन गया है। सासाराम-बक्सर से लोग अभी से बनारस में गिरने लगे हैं और इस डर से कि शायद उस दिन रेलम-ठेल व सुरक्षा कारणों से कॉरिडोर में घुसने की इजाजत व मौका मिले न मिले आज ही, भर आंख निहार लिया जाय। उस दिन टीवी पर देखेंगे से सब जगह पहचान लेंगे। गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ तक चहलकदमी और अनोखापन का एक अजीव उत्साह सबमें देखने को मिल रहा है….और बाबा विश्वनाथ में भी …वे भी प्रसन्न हैं, मैं भी प्रसन्न हूं और संभवत: आप भी। …और इसी क्रम में आसन्न विधानसभा चुनाव भी गहरे समाय गया है।