महात्मा गांधी सबसे बड़े हिन्दुत्ववादी, …’जिन्दा होते तो RSS में होते’ 

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महात्मा गांधी के पुण्यतिथि पर राहुल गांधी ने फिर हिन्दुत्वाद का राग छेड़ा … मिला भरपूर जवाब 

Dr. Manoj Tiwary@report4india/ new delhi.

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जहां एक ओर पूरा राष्ट्र उन्हें याद कर रहा है तो दूसरी ओर कांग्रेस के लाडले और विदेशी भ्रमणकर्ता राहुल फिरोज गांधी राजनीति करने से बाज़ नहीं आये। कांग्रेसी विचारधारा से पूरी तरह कट्टर वामपंथी विचारधारा को अपनाने वाले राहुल गांधी भारत की राजनीति में अपना स्थान ढूंढने को लेकर बेताब हैं और उनके कर्मों व विचार से प्रतीत होता है कि सत्ता से बाहर रहकर उनका चित्त अस्थिर हो गया है।

आजादी के बाद देश की राजनीति में राष्ट्रीय संस्कृति, विचारों व आदर्शों को तिलांजलि देकर हर हाल में ‘पद व सत्ता’ पर कब्जे की राजनीति पर चलने वाली कांग्रेस ने पहले देश में हिन्दू-मुसलमानों को लड़ाया। आज सत्ता से बाहर होने पर स्थिति यह है कि सत्ता पाने के लिए ‘हिन्दुओं में फूट डालो’ की राजनीति पर चल पड़ी है। बार-बार राहुल गांधी हिन्दू अच्छा और हिन्दुत्व बूरा का भाव हिन्दुओं के बीच फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी साजिश कि जो उन्हें माने वह हिन्दू और जो भाजपा को माने वे हिन्दुत्ववादी। …’कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है’ का नारा देने वाले राहुल गांधी के सामने अब सत्ता पाने का यही आखिरी मंत्र रह गया है। लेकिन परेशानी यह है कि यह 1947 में विभाजन के बल पर प्रधानमंत्री पद पर कब्जा करने वाले नेहरू और बाद में ‘इंदिरा-राजीव’ काल का भारत नहीं है। कांग्रेस के राज में अपने ही देश में परायेपन के भाव भरे जाने वाले ज्यादातर हिन्दू मुसलिम तुष्टिकरण की कांग्रेसी व अन्य दलों की साजिश को समझने में अब गलती नहीं कर रहे और यही राहुल गांधी व वामपंथियों की सबसे बड़ी पीड़ा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के विचारधारा व कृतित्व पर पक्ष रखने वाले भाजपा राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी के ट्वीट पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हिन्दुत्ववादी थे। नाथूराम गोडसे ने तो महात्मा गांधी की हत्या की पर नेहरू-गांधी परिवार ने उनके विचारों, दर्शन और सोच की हत्या के लिए जिम्मेदार है।

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा था, सही मायनों में आरएसएस ही महात्मा गांधी के विचारधारा को लेकर आग बढ़ रहा है। वर्तमान में महात्मा गांधी जीवित होते तो वे और कहीं नहीं संघ में ही होते। उनका ईशारा साफ था कि सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने गांधी के मूल्यों और विचारों को तिलांजलि दे दी।