क्रांतिकारी महानायक राजा महेंद्र प्रताप सिंह को पहली बार सार्वजनिक सम्मान

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भारत की आजादी अंग्रेजी शासन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई छेड़ने वाले राजा महेद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की स्थापन शिला रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी

अलीगढ़ विश्वविद्यालय के लिए सैकड़ों एकड़ जमीन में दान देने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजा महेंद्र प्रताप के जन्मदिवस पर कार्यक्रम मनाने से इनकार कर दिया था

report4india/ new delhi.

अंग्रेज शासन के दौरान विदेश जाकर भारत की आजादी के लिए अखिल एशियाई देशों में आवाज बुलंद करने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह को अबतक वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें आजाद भारत में मिलना चाहिए था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के सम्मान स्वरूप विश्वविद्यालय की स्थापना का ऐलान किया था। आज वह वादा पूरा हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विवि की स्थापना शिला रखेंगे। इसे महान क्रांतिकारी को आजाद देश में बड़ा सार्वजनिक सम्मान माना जा रहा है।

क्षेत्रीय लोगों का लंबे समय तक यह मानना रहा है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जो अलीगढ़ विवि से पढ़े थे, ने उस शैक्षिक संस्थान को बढ़ाने के लिए सैकड़ों एकड़ जमीन दी थी। परंतु, दुर्भाग्य से जैसा कि मुसलिम संस्थानों और कट्टर संरचनात्मक समाज व्यवस्था के पक्षधर लोग चाहते हैं, सैय्यद अहमद खान के अलावा अन्य किसी को भी इस केंद्रीय विवि में महत्व देने को थोड़ा भी तैयार नहीं हैं। लोगों का कहना है कि जिस जिन्ना ने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा किया, उस जिन्ना का जिन्ना की तस्वीर आजतक अलीगढ़ मुसलिम विवि में लगी है। ऐसे नफरत फैलाने वालों से  अपेक्षा भी नहीं की जा सकती कि वे आजादी के असली मतवालों को सम्मान दें।

लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि देश की शैक्षिक व्यवस्था में बहुसंख्यक जनता के योगदान रूपी टैक्स का एक बड़ा भाग अलीगढ़ मुसलिम विवि को मिलता है। उसका लाभ उस विवि में पढ़ने वाले अधिकतर मुसलिम समाज के छात्र ही उठाते हैं। 90 फीसद वहीं पढ़ते हैं और वहीं पढ़ाते हैं। पूरे विवि का माहौल मुसलिम संस्कृति से ओतप्रोत होने से ज्यादातर हिन्दू छात्र वहां पढ़ने नहीं जाते। यही सब कारण है कि राजा महेंद्र प्रताप को सम्मान देने में इस विवि से साफ इनकार कर दिया था।

उधर, शिक्षा और क्रांति को धार देने वाले दानवीर राजा महेंद्र प्रताप सिंह को आज सार्वजनिक सम्मान मिलने से क्षेत्र की जनता प्रसन्न व उत्साहित है। उप्र सरकार ने निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है। 2023 तक यह विवि तैयार हो जाएगा और यहां पठन-पाठन शुरू हो जाएगा। संभव है, कालान्तर में यह विवि केंद्रीय विवि का दर्जा प्राप्त करे और अपने नाम के अनुरूप राष्ट्र पर मरने वाले युवाओं का दल पैदा करे।

उधर, इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री आदित्य नाथ ने कहा कि राजा महेंद्र प्रतापजी पराधीनता के दिनों में भी शिक्षा की चिंता करते थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को जमीन दी। दुर्भाग्य यह है कि एएमयू के साथ-साथ अन्य राजनीतिक पार्टियां राजा महेंद्र प्रताप सिंह के त्याग और बलिदान को भूल चुकीं हैं। एएमयू ने कभी कृतज्ञता तक जाहिर नहीं की। भाजपा सरकार राजा महेंद्र प्रताप सिंह के गौरव को पुन: स्थापित कर रही है।