लाल बहादुर शास्त्री  …सबसे सरल, सबसे प्रभावशाली

0
882

फटी घोती में प्रधानमंत्री की शपथ लेने वाले और 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को घुटनों के बल खड़ा करने वाले प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री वास्तव में ‘गुदड़ी के लाल’ थे। नीचे कुछ तस्वीरों के साथ जयंती पर हम उन्हें नमन करते हैं। 

report4india/new delhi.

आज देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती है। हमेशा सादगी भरा जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री एक कुशल और गांधीवादी विचार वाले नेता थे। शास्त्री जी काफी शांत स्वभाव के थे। उनके जीवन से जुड़ें कुछ  तथ्य-

-उनका जन्म 2 अक्टूबर,1904 को वाराणसी के नजदीक मुगलसराय में हुआ था। घर में सबसे छोटे होने के नाते प्यार से उन्हें ‘नन्हें’ बुलाया जाता था।

-शास्त्रीजी के पिता का नाम मंशी प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम राम दुलारी था। उनकी पत्नी का नाम ललिता देवी था।

 

-बचपन में ही पिता की मौत के बाद वह अपनी मां के साथ नाना के घर मिर्जापुर चले गए, जहां उन्होंने प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की।

-उन्होंने विषम परिस्थितिओं में पढ़ाई जारी रखा। वह रोजाना नदी तैरकर स्कूल जाया करते थे।

-उनका विवाह 1928 में ललिता देवी के साथ हुआ, उनकी दो बेटियां और चार बेटे थे।

-16 साल की उम्र में उन्होंने आगे की पढ़ाई छोड़ दी और गांधीजी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।

-उन्होंने 1921 के गांधी से असहयोग आंदोलन से लेकर कर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान कई बार उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और पुलिसिया कार्रवाई के शिकार बने।

विदेशी राजनेताओं के साथ

-भारत की आजादी के बाद शास्त्री जी 1951 में दिल्ली आ गए और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों में काम किया। उन्होंने रेल मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री समेत कई मंत्री पद संभाले।

-1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद देश के प्रधानमंत्री बने। 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।