जो भी भारत की भाषा बोले वह टूकड़े-टूकड़े गैंग के निशाने पर। इरफान हबीब जैसे तथाकथित अरबन नक्सली इतिहासकार ने केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान को बोलने से रोकने की कोशिश की।
Report4India Bureau/New Delhi.
कांग्रेस राज में ‘सेक्यूलर’ नाम पर देश की बहुसंख्यक हिन्दुओं के धर्म व उनकी परंपरा को वैचारिक तौर पर पददलित करने का प्रयास करने वाले वामपंथी इतिहासकारों का इमाम इरफान हबीब ने एक बार फिर अपनी जात और औकात दिखाई। केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय में भारतीय इतिहास कांग्रेस में राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान को बोलने से इस बदतमीज़ तथाकथित इतिहासकार इरफान हबीब ने रोकने की कोशिश की। देश भर के वामपंथी इतिहासकारों की तदाद के बीच केरल के राज्यपाल को बोलने से रोकने को लेकर चारो तरफ से प्रतिक्रिया आ रही है। हालांकि, पुरजोर विरोध के बाद भी राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने राष्ट्र तोड़कों के जुटे इस हुजूम का पुरजोर मुकाबला किया और उन्हें आइना दिखाकर नंगा कर दिया।
WATCH: Kerala Governor Arif Mohammed Khan responds to heckling by historian Irfan Habib while Khan was delivering his inaugural address at the 80th Indian History Congress at Kannur University, earlier today. pic.twitter.com/tey5LBTptA
— ANI (@ANI) December 28, 2019
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दिल्ली के जेएनयू, अलीगढ़ मुसलिम विवि में भारत के टूकड़े-टूकड़े करने के नारे लगाने वालों के ‘तथाकथित इमाम बुद्धिजीवी’ इरफान हबीब राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान के भाषण सुनने का धैर्य भी नहीं दिखा सके। जिस तरीके से राज्यपाल के भाषण के बीच खड़ा होकर इरफान हबीब ने उन्हें रोकने की कोशिश की और सामने बैठे तथाकथित इतिसकारों ने हो-हल्ला मचाया। राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि इतिहासकार इरफान हबीब ने उन्हें बोलने से रोकने की कोशिश की, उन्हें धमकी दी गई। राज्यपाल ने विरोधी विचार के खिलाफ इरफान हबीब के इस असहिष्णु कृत्य को अलोकतांत्रिक बताया।
इससे स्पष्ट है कि इस देश में किस प्रकार से कांग्रेस ने अपनी सत्ता की मजबूती के लिए तथाकथित इतिहासकारों की एक जमात पैदा की इरफान हबीब जैसे ने ही शहरी नक्सलियों और टूकड़े-टूकड़े गैंग को जन्म दिया और उनको संरक्षित किया।
राज्यपाल के इस ट्वीट पर इरफान हबीब की जमकर आलोचना की गई। एक व्यक्ति अपने कमेंट में इरफान हबीब को इंगित कर लिखा कि ‘इस व्यक्ति ने अपने चाटुकारों के साथ मिलकर झूठ फैलाने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर रख दिया और झूठ के आधार पर एक धारणा स्थापित की।’ एक ने लिखा, ‘सहिष्णुता की वाम-उदार शैली। ये तब तक उदार हैं जब तक आप उनकी हां में हां मिलाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल देना चाहिए।’
उल्दलेखनीय है कि कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस के 80वें सत्र में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। जब सभी के भाषण के बाद आरिफ मुहम्मद खान ने भाषण देना शुरू किया तो इरफान हबीब मंच पर आकर उनका विरोध करने लगे। मंच पर और सामने बैठे वामपंथी इतिहासकारों की जमात उनके भाषण में बाधा डालने की कोशिश करने लगी।