सर्वत्र सुभाष : नेताजी की 125वीं जयंती मना रहा कृतज्ञ राष्ट्र

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गुरुग्राम में नेताजी जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस।

“नेताजी के विमान हादसे में मारे जाने को लेकर जांच आयोग ‘खोसला आयोग’ की रिपोर्ट को इंदिरा गांधी सरकार ने मानने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि नेताजी की मौत विमान हादसे में नहीं हुई थी। आज, सेक्रेट डॉक्युमेंट को क्लासीफाइड कर उन्हें सार्वजनिक करने का काम किया गया। नेताजी के नाम पर संग्रहालय स्थापित किये गये। आज इंडिया गेट पर नेताजी का होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।”

 

amit tiwari@report4india/new delhi.

2014 में मोदी सरकार के आने के बाद ‘नेहरू-गांधी राजनीति’ की कलई खुल गई है। स्वतंत्रता बाद अंग्रेजों के साथ मिलकर नेहरू नेताजी को नष्ट करने की साजिश पर निरंतर आगे बढ़े। ‘आजाद हिन्द फौज’ के सेनानियों को भूलाने व उन्हें तंगहाली व गुमनामी में रखने का पूरा प्रयास किया। नेताजी के विमान हादसे में मारे जाने को लेकर जांच आयोग ‘खोसला आयोग’ की रिपोर्ट को इंदिरा गांधी सरकार ने मानने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि नेताजी की मौत विमान हादसे में नहीं हुई थी। आज, सेक्रेट डॉक्युमेंट को क्लासीफाइड कर उन्हें सार्वजनिक करने का काम किया गया। नेताजी के नाम पर संग्रहालय स्थापित किये गये। आज इंडिया गेट पर नेताजी का होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट पर उनकी ‘होलोग्राम प्रतिमा’ का आनावरण करेंगे। 6 माह बाद वहां नेताजी सुभाषचंद्र बोस की ग्रेनाइट की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों ने नेताजी को समाप्त करने की साजिश व मुहिम चलाई, परंतु वे नेताजी के आत्मा विश्वास व अदम्य साहस के सामने सफल नहीं हो सके। जब नेताजी की ‘आजाद हिन्द फौज’ ने पूर्वात्तर पर चढ़ाई कर उस क्षेत्र को अंग्रेजों से आजाद करा लिया तो उनपर भारी दबाव आ गया।

नेताजी के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना के अधीन भारतीय जवानों में विद्रोह की आशंका से परेशान ब्रिटिश सरकार ने अंतत: भारत की आजादी की घोषणा कर दी। परंतु, यह आजादी वायसराय माउंट बेटेन, उनकी पत्नी लेडी माउंट बेटेन और नेहरू के गुप्त मुलाकातों व संधियों पर आधारित रही। देश विभाजन की पटकथा भी उन्हीं संधियों में थी। नेहरू हर हाल में भारत का प्रधानमंत्री बनने की चाह में अंग्रेजों द्वारा नेताजी को युद्ध अपराधी घोषित करने और उन्हें हर हाल में ब्रिटिश सरकार को सौंपने की संधि पर हस्ताक्षर किये। आजादी के बाद बाद सुनियोजित तरीके से नेताजी को विस्मृत करने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया। परंतु, तमाम छल-छिद्रों के बाद भी देश की जनता कभी भी नेताजी को भुला न सकी। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तो जैसे नेताजी के कृतित्व की आभा को पूरे देश-दुनिया में फैलाने की कमर कस चुकी थी। आज लगातार नेताजी को मान-सम्मान की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम हो रहा है ताकि कृतज्ञ राष्ट्र कभी नेताजी को भूल न सके, उनकी गरीमा को कोई ठेस न पहुंचा सके।