IB कर्मचारी अंकित हत्या में फेक न्यूज़ पर The Wall Street Journal के पत्रकार पर केस दर्ज   

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पश्चिमी वामपंथी मीडिया के प्रमुख पत्र द वॉल स्ट्रीट जर्नल्स के पत्रकारों ने दिल्ली दंगे में मारे गए आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या पर गलत न्यूज़ प्रकाशित किया। पश्चिमी वामपंथी मीडिया लगातार दिल्ली दंगे पर मुसलमानों के पक्ष में हिन्दुओं के खिलाफ खबर प्रकाशित कर दुनिया को भारत के बारे में गुमराह कर रहा है। इसी तरह के काम करने पर चीन ने इस अखबार के तीन पत्रकारों को अपने देश से बाहर कर दिया था। 

Manoj Kumar Tiwary/ New Delhi For Report4india.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में दंगे को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन में बड़े वामपंथी मीडिया पत्रकारों ने जमकर गलत खबरों को प्रकाशित किया और अपनी विचारधारा को समर्थित एकतरफा विचार प्रकट किया। परंतु, इसी कड़ी में भारत के बारे में गलत खबरों को प्रकाशित कर रहा वामपंथी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल्स’ पर शिकंजा कस गया है। दंगे की जांच कर रहा एसआईटी ने गलत खबर प्रकाशित करने पर इस अखबार के पत्रकारों व उसके मुख्य संपादक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल्स’ के पत्रकार ने दंगे की आड़ में सोची-समझी साजिश के तहत आईबी के कर्माचरी अंकित शर्मा की दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई। अंकित शर्मा के भाई अंकुर शर्मा ने मीडिया को खुले तौर पर बताया कि स्थानीय पार्षद ताहिर हुसैन ने अंकित व तीन अन्य लोगों की हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया। परंतु, इसके उलट ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल्स’ के पत्रकार ने अंकित शर्मा के भाई के हवाले से खबर प्रकाशित की कि अंकित शर्मा की हत्या हिन्दू दंगाइयों ने ‘जयश्री राम’ का नारा लगाते हुए कर दी। इस फेक खबर को प्रकाशित होने की जानकारी पर अंकित शर्मा के परिवार हैरान हैं। उनका कहना है कि उनके सामने ताहिर हुसैन के बदमाशों ने अंकित व तीन अन्य लोगों को पथराव व फायरिंग करते हुए उनके घर के पास से ही उठा लिए और उनकी हत्या कर शव नाले में फेंक दिए गए। नाले में अंकित शर्मा के अलावा तीन अन्य लोगों के शव बरामद किए गए।

फिलहाल, पुलिस ने ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल्स’  के पत्रकारों व उसके मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उन्हें समन जारी किया जा रहा है।

गौरतलब है कि यह वामपंथी मीडिया हाउस अक्सर अपनी खबरों व रिपोर्ट्स में हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता रहा है। अपने वामपंथी चरित्र व विचारधारा को परवान चढ़ाने के लिए गलत खबरों को प्रकासित करने से गुरजे़ नहीं करने वाले इस अखबार के तीन पत्रकारों को चीन ने अपने देश से बाहर निकाल दिया था। उनपर भी आरोप था कि वे चीन के खिलाफ खबरें प्रकाशित कर रहे हैं।