“अलीगढ़ विश्वविद्यालय का आंतकी शर्जिल उस्मानी ने ट्वीट कर ‘जयश्री राम’ के उद्घोष को आंतक से तुलना की। हिन्दू समाज़ व धर्मगुरुओं की चुप्पी हैरान करने वाली। स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती ने उठायी आवाज़”
रिपोर्ट4इंडिया/ नई दिल्ली।
अपने व्यक्तव्यों से समाज में लगातार जहर घोल रहा कट्टरपंथी अलीगढ़ विश्वविद्यालय का ‘शैतान’ शर्जिल उस्मानी के समूल नाश जरूरी हो गया है। उत्तर प्रदेश में योगी के राज में भी हिन्दू समाज पर अनर्गल प्रहार करने वाले इस शैतान का खात्मा अब अवश्यंभावी हो गया है। मुसलमानों ने इस देश में नहीं रहने की एवज़ में साढ़े नौ लाख वर्गकिलोमीटर अलग जमीन पाकिस्तान के नाम पर लिया और उसके बाद भी इस देश में रहकर हिन्दू समाज के संसाधनों का उपयोग कर अब हिन्दू समाज की धर्म-संस्कृति पर ही प्रहार कर रहे हैं। वक्त आ गया है ऐसे शैतानों के समूल नाश करने का। हर तरफ से यह आवाज़ उठनी जरूरी है कि अब इनको भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह आवाज़ बुलंद की जाए, ये जितनी जल्दी हो सके भारत छोड़कर जाएं।
शर्जिल उस्मानी ने ट्वीट कर ‘जयश्री राम’ के उद्घोष को आतंकवाद की संज्ञा दी है। इस आतंकी का लगातार मन बढ़ना यह बताता है कि हिन्दू समाज में एकता की कमी का ही नाजायज फायदा ये कट्टरपंथी मुसलमान उठा रहे हैं। इसके खिलाफ हिन्दू समाज को एक होना होगा। ममता, अखिलेश-मुलायम, लालू-तेजस्वी, राहुल-प्रियंका और वामपंथी केवल अपने सत्ता के स्वार्थ में इन कटट्रपंथियों का साथ दे रहे हैं और इनके आतंक पर चुप्पी साध रहे हैं। इन्हें पता है कि ये इन कट्टरपंथियों के समर्थन से सत्ता में आएंगे, सत्ता के रसुख के बल पर अरबों रुपए एकत्रित करेंगे और दुनिया के किसी भी देश में संपत्ति बनाकर भविष्य में कोई दिक्कत होगी तो परिवार समेत भारत छोड़कर चले जाएंगे। लेकिन आम हिन्दू समाज क्या करेगा। समय रहते अगर हम नहीं चेते तो हमारे बच्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा। हम जो भी धन-संपत्ति अर्जित करेंगे उनपर ये कट्टरपंथी कब्ज़ा जमा लेंगे। इन्हें न तो संविधान से डर है न ही किसी कानून से। इनका केवल एक लक्ष्य है किसी तरह से अपनी जनसंख्या बढ़ाकर इस देश की सत्ता पर कब्जा कर हिन्दू समाज को खत्म कर दें। यही इनका एकमात्र उद्देश्य है और यही इनके कार्यों में झलकता है। बंगाल और तमिलनाडु का ताज़ा उदाहरण हमारे सामने है।
बहरहाल, उस्मानी के ट्वीट पर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती ने आक्रोश जताया है और कहा है कि यह भारत में कैसी स्वतंत्रता है जिसकी आड़ में हिन्दू धर्म-आस्था पर सरेआम चोट पहुंचायी जा रही है। उन्होंने कहा कि तथाकथित बुद्धिजीवीयों की चुप्पी तो समझ में आती है परंतु, हमारे धर्मगुरु क्यों चुप हैं? हमारा हिन्दू जनमत व समाज क्यों चुप है? याद रखना यह चुप्पी बहुत कुछ बर्बाद करके रख देगी। विरोध बहुत जरूरी है।
ये कैसा स्वातन्त्र्य है कि जय श्री राम के उद्घोष को आतंकवादी बताया जा रहा है और उसके विरुद्ध ट्विटर सहित सारे तथाकथित बुद्धिजीवी भी चुप हैं?
-वैसे सर्वाधिक चुप्पी तो प्रसिद्ध धर्मगुरुओं की खलती है। pic.twitter.com/bfuFigBelf— स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती (@chidswami) May 18, 2021
शरजील उसमानी जैसा जाहिल जानवर यह कहता है की "जय श्रीराम" बोलने वाले हिंदू आतंकवादी है लेकिन हर बम धमाके के पहले एक नारा बोला जाता है वो कौनसा है ?
— Dr. Richa Rajpoot (@doctorrichabjp) May 18, 2021